Yama, Kubera and the guardians from the four quarters; poets and scholars – none can express Your glory.
हनुमान चालीसा लिरिक्स स्वयं गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखे हैं, जो कि रामायण के बाद सबसे प्रसिद्ध रचना है।
व्याख्या – मनरूपी दर्पण में शब्द–स्पर्श–रूप–रस–गन्धरूपी विषयों की पाँच पतवाली जो काई (मैल) चढ़ी हुई है वह साधारण रज से साफ होने वाली नहीं है। अतः इसे स्वच्छ करने के लिये ‘श्रीगुरु चरन सरोज रज’ की आवश्यकता पड़ती है। साक्षात् भगवान् शंकर ही यहाँ गुरु–स्वरूप में वर्णित हैं–‘गुरुं शङ्कररूपिणम् ।‘ भगवान् शंकर की कृपा से ही रघुवर के सुयश का वर्णन करना सम्भव है।
कानन कुण्डल कुञ्चित केसा ॥४॥ हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।
We believe that it doesn’t actually issue providing your coronary heart is filled with devotion, your thoughts is pure and you've got maintained excellent hygiene criteria in the period of chanting, looking at or reciting.
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Victory to Lord Hanuman, the ocean of wisdom and virtue. Victory to the Lord who is supreme Among the many monkeys, illuminator on the 3 worlds.
It really is your decision; there isn't a unique rule to reciting Hanuman Chalisa. The greater you repeat, the more you grow to be close to Lord Hanuman. Your intellect need to usually be a hundred% focused on the Chalisa when reciting to expertise the grace of God.
व्याख्या – जन्म–मरण–यातना का अन्त अर्थात् भवबन्धन से छुटकारा परमात्म प्रभु ही करा सकते हैं। भगवान् श्री हनुमान जी के वश में हैं। अतः श्री हनुमान जी सम्पूर्ण संकट और पीड़ाओं को दूर करते हुए जन्म–मरण के बन्धन से मुक्त कराने में पूर्ण समर्थ हैं।
The king in the gods, Indra, responds by telling his spouse the dwelling getting (monkey) that bothers her will be to be seen as a friend, Which they should make an energy to coexist peacefully. The hymn closes with all agreeing that they need to appear alongside one another in more info Indra's dwelling and share the prosperity of your choices.
हनुमान चालीसा, लाभ, पढ़ने का सही समय, क्यों पढ़ें?
यहाँ सर्वसुख का तात्पर्य आत्यन्तिक सुख से है जो श्री मारुतनन्दन के द्वारा ही मिल सकता है।
जनम जनम के दुख बिसरावै ॥३३॥ अन्त काल रघुबर पुर जाई ।
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